इसमें कोई राज नहीं है। कभी सारी दुनिया में जंगल थे। तो उन्हें हटाकर जंगल बनाने को जलाया जाता था। इसके लिए जंगल वासियों और उसे नष्ट करने वालों में लडाई होती थी। जो जंगल की रक्षा करते थे वे राक्षस कहलाए। खेती की संस्कृति के विकास के साथ खेतीहर समाज बढता गया। और जंगल जलाना प्रतीक रूप में यज्ञ के रूप में खेतीहर संस्कृति का हिस्सा हो गया।
मिथुन राठोड ने जवाब का अनुरोध किया है
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