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लोग जब गुस्से में होते हैं तो खाना क्यों छोड़ देते हैं? ऐसा कर वे क्या जाहिर करना चाहते हैं?
तीसेक साल पहले मैं भी कभी कभार नाराजगी में रात का खाना छोड़ देता था। नराजगी किसी से भी हो कारण कोई भी हो पर इस तरह की नाराजगी से चिंतित केव...
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राष्ट्रपिता कोई भारत रत्न जैसा सरकारी सम्मान या पद नहीं कि आगे यह किसी को दिया जाएगा या कोई राष्ट्रपिता होगा। यह किसी खास काल...
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हर सांस मेरे लिए एक उपलब्धि है... इस तरीके से, मैं सोचता नहीं हूं। निजी उपलब्धि मेरा लक्ष्य नहीं। गहरी नींद को मैं रोजाना की उपलब्धि...
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मंदिरों का पैसा दरिद्र नारायण की सेवा में लग जाता तो भारत कब का भूखमरी इंडेक्स से बाहर हो जाता। विवेकानंद ने कहा भी है कि ये गरीब-दुखी ही ...
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