सोमवार, 23 दिसंबर 2019

रामायण अथवा महाभारत से कोई ऐसी कहानी जो आज भी प्रासंगिक हो?

महाभारत -
भीम और नकुल-सहदेव में भाग्‍य और ईश्‍वर को लेकर अक्‍सर बहस होती रहती थी। भीम भाग्‍य को नहीं मानते थे।
नकुल सहदेव को पाठ पढाने के लिए भीम ने एक बार एक चिडिया को पकड कर नकुल-सहदेव से पूछा कि बता कि इसका भाग्‍य किसके हाथ में हैं।
नकुल-सहदेव ने हार मान ली और चिडिया की जान बचाने को कहा कि भैया इसका भाग्‍य आपके हाथ है।
रामायण -
जब राम को वनवास हुआ तो लक्ष्‍मण ने राम से कहा कि भैया आप कहें तो मैं दशरथ-भरत युद्ध की चुनौती दे यहीं धूल चटा दूं और आपको गददी पर बिठाउं।
इसपर राम ने कहा कि यह शास्‍त्रोक्‍त नहीं है। पिता की आज्ञा ना मानना पाप है। फिर उन्‍होंने एक ऋषि का उदाहरण दिया जिन्‍होंने पिता के कहने पर गाय की हत्‍या कर दी थी पर उन्‍हें पाप नहीं लगा क्‍योंकि उनने पिता का वचन निभाया।
 Usha Wadhwa ने जवाब का अनुरोध किया है

कोई टिप्पणी नहीं:

एक टिप्पणी भेजें

लोग जब गुस्से में होते हैं तो खाना क्यों छोड़ देते हैं? ऐसा कर वे क्या जाहिर करना चाहते हैं?

तीसेक साल पहले मैं भी कभी कभार नाराजगी में रात का खाना छोड़ देता था। नराजगी किसी से भी हो कारण कोई भी हो पर इस तरह की नाराजगी से चिंतित केव...