मंदिरों का पैसा दरिद्र नारायण की सेवा में लग जाता तो भारत कब का भूखमरी इंडेक्स से बाहर हो जाता।
विवेकानंद ने कहा भी है कि ये गरीब-दुखी ही ईश्वर हैं।
Pawan Sahani ने जवाब का अनुरोध किया है
विवेकानंद ने कहा भी है कि ये गरीब-दुखी ही ईश्वर हैं।
Pawan Sahani ने जवाब का अनुरोध किया है
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