सोमवार, 16 दिसंबर 2019

आदमी शराब क्यों पीता है?

शराब सेवन-मांसाहार को समाज के एक हिस्‍से में कुछ विशेष क्रिया की तरह माना जाता है इससे नये लडकों में इसके प्रति जिज्ञासा रहती है जिससे वे इस चक्‍कर में पडते हैं।
इस पर बेवजह प्रतिबंध को भी हम एक कारक की तरह मान सकते हैं जैसे हमारे देश में ब्रह्मचर्य का, संतई का बहुत ढोल बजता है और उस अनुपात में यहां बलात्‍कार रोज की घटना हो गयी है। तो यह प्रतिक्रिया या अशिक्षा के कारण भी अपनी जगह बना सकता है।
हमारे यहां जानने की बजाय अनुकरण करने पर जोर है इस तरह हम किसी विषय पर सोच विचार नहीं करते, अंधानुकरण करते हैं और गुलाम होते जाते हैं।
खुद चीजों को देख कर अपने अनुभव के आधार पर उसकी अच्‍छाई बुराई के परिपेक्ष्‍य में एक मत बना उसे नियंत्रित ढंग से प्रयोग में लाने लायक विकसित हम नहीं हुए हैं।
बुद्ध अहिंसा प्रेमी थे पर उनकी मौत भिक्षा में मिले मांस के खाने से हुई थी। हमें जीवन के अंतरविरोधों को भी उसके समय के संदर्भ में देखना आना चाहिए।
मेरे पिता वैष्‍णव थे, मेरे घर में कभी मांस शराब प्‍याज का प्रयोग नहीं हुआ। पर चाचा लोग मिलिट्री में थे वे इस सब का सेवन करते थे। तो मैंने भी उनकी संगत में यह सब चखा। पर ये चीजें मेरी पसंद में शामिल नहीं हुईं तो ऐसी कोई आदत नहीं बनी।
सवाल है अपनी पसंद बनाने भर आजादी जब तक समाज में नहीं होगी तब तक हम किसी बुराई को उपदेश से नहीं रोक सकते।

 Pradeep Srivastava ने जवाब का अनुरोध किया है

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