शुक्रवार, 24 जनवरी 2020

क्या आप पढ़ने के लिए कुछ दिलचस्प साझा कर सकते हैं ?

आदर्श राजा, पिता व पति : राम या दशरथ -

एक दिन यूं ही आदर्श पिता, राजा व पति पर विचार करने लगा राम-दशरथ के संदर्भ में तो पाया कि इनमें हर लिहाज से दशरथ आदर्श थे।

पहली बात कि दशरथ में पिता हेाने की इच्‍छा थी इसलिए जब संतान नहीं होती तो वे संतान के लिए यज्ञ करते हैं। पर राम में पुत्रेच्‍छा थी यह प्रकट करने वाले प्रसंग नहीं हैं कहीं। दशरथ का पुत्रप्रेम देखिए कि जब राम को वनवास होता है तो वे आदर्श पति और पिता की तरह आचरण करते हैं। वे कैकेयी को दिये वचन को तो पूरा करते हैं और खुद पुत्र की याद में अपनी जान गंवा देते हैं। इसके विपरीत राम अपनी गर्भवती पत्‍नी को घर से बाहर कर जंगल में भटकने को छोड़ देते हैं, पुत्रों की चिंता तो दूर की बात है।

दशरथ आदर्श राजा भी राम से बेहतर साबित होते हैं। आदर्श राजा पर भविष्‍य के राजा को तैयार करने की जिम्‍मेवारी भी होती है। राजतंत्र में संतान ही चूंकि राज काज की जिम्‍मेवारी संभालती है इसलिए राजपुत्रों के जन्‍म से लेकर उनके लालन-पालन तक की उचित व्‍यवस्‍था करना राजा की प्रधान जिम्‍मेदारी होती है। पर राम ने इस मामले में सोचा ही नहीं कि भविष्‍य का राजा कैसे और कौन होगा। अगर लक्ष्‍मण स्‍नेहवश सीता को उपयुक्‍त जगह नहीं छोडते और वाल्मिकी के आश्रम में उन्‍हें जगह नहीं मिलती तो भला अयोध्‍या को उसका राजा कैसे मिलता। क्‍या केवल अपने राज के बारे में सोचते रहना ही राजा का काम है या राज्‍य का भविष्‍य भी वही तय करेगा।

तीन पत्नियां होने पर भी दशरथ उनके साथ न्‍याय करते हैं और पुत्र वियोग में अपनी जान दे देते हैं पर पत्नियों पर आंच नहीं आने देते। उधर जो अपनी गर्भवती पत्‍नी को सत्‍य के आधार पर नहीं बल्कि लोकोपवाद के भय से त्‍याग दे उसका एकपत्‍नीव्रत कैसा हुआ। सीता को जंगल में छोड उसकी सोने की मूर्ति बना उसके आगे रोते रहना यह कौन सा आदर्श हुआ भला। अगर आज के पुरूष राम की तरह दूसरों के कहने पर अपनी पत्‍नी को त्‍यागने लगें तो फिर कितने जोडे साथ रह जाएंगे और कौन सा भविष्‍य का भारत तैयार होगा। इसीलिए पुराने भक्‍त जन भी सीताराम और सियाराम जपते हैं। क्‍योकि कष्‍ट सहकर भी सीता ने राजा राम के राजवंश को चलने का आधार दिया।

धीरज सिंह ने जवाब का अनुरोध किया है

कोई टिप्पणी नहीं:

एक टिप्पणी भेजें

लोग जब गुस्से में होते हैं तो खाना क्यों छोड़ देते हैं? ऐसा कर वे क्या जाहिर करना चाहते हैं?

तीसेक साल पहले मैं भी कभी कभार नाराजगी में रात का खाना छोड़ देता था। नराजगी किसी से भी हो कारण कोई भी हो पर इस तरह की नाराजगी से चिंतित केव...