बुधवार, 29 जनवरी 2020

क्या ऋग्वेद का दशम मंडल बाद में मिलाया गया है?


अतीत के तमाम भारतीय ग्रंथों पर इस तरह के आरोप लगते हैं कि इनमें ये हिस्‍से प्रक्षिप्‍त हैं। इसका कोई संतोषजनक हल कभी नहीं दिया जा सकता। क्‍येांकि श्रुत की परंपरा के कारण एक तो हमारे पास लिखित प्रमाण नाम मात्र को हैं। फिर सुनने की परंपरा में यह सहज था कि हर सुनने वाला उसमें कुछ बदलाव करता, जोडता जाता था।
जैसे महाभारत के ही आंरभिक भाग में 24 हजार के करीब श्‍लोक थे जो आगे एक लाख हो गए। आज एक लाख वाला महाभारत ही मान्‍य है और उपलब्‍ध है। उसी तरह ऋग्‍वेद के दशम मंडल वाला भाग ही आज मान्‍य है। यह बहस बेमानी है कि दसम मंडल बाद में जोडा गया।
श्रुत की परंपरा के चलते तमाम वेदों की पाठ आधारित कई शाखाएं थीं। जिन पर आधारित वेदों में मंत्रों आदि की संख्‍या में भिन्‍नता थी। आज ऋग्‍वेद की एक ही शाखा का पाठ उपलब्‍ध है बाकी नष्‍ट हो गये।
 
· बाल मुकुंद अग्रवाल ने जवाब का अनुरोध किया है

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